विविधता का खजाना: 

भारत में विश्व की लगभग 8% से अधिक ज्ञात प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें 50,000 से अधिक कीट, 2,500 मछलियाँ, 1,300 पक्षी, 400 स्तनधारी और 300 से अधिक उभयचर शामिल हैं।

हाथियों की स्मृति:

जंगली हाथी कई सालों तक याद रख सकते हैं कि उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया था और यहां तक कि पीढ़ी दर पीढ़ी यह ज्ञान भी साझा कर सकते हैं।

तेज तर्रार चीता:

चीता पृथ्वी पर सबसे तेज दौड़ने वाला भूमि स्तनधारी है, जो लगभग 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है।

उल्लू के अनोखे सिर

उल्लू अपनी गर्दन को 270 डिग्री तक घुमा सकते हैं, जिससे उन्हें अपने शिकार को आसानी से देखने में मदद मिलती है।

चतुर तोते:

कुछ तोते न केवल शब्दों और वाक्यांशों को दोहरा सकते हैं, बल्कि मानवीय भावनाओं और इरादों को भी समझ सकते हैं।

चमगादड़ों के लाभ:

चमगादड़ कीटों को खाकर फसलों की रक्षा करते हैं और परागण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मधुमक्खियों का महत्व:

मधुमक्खियां न केवल हमें शहद देती हैं, बल्कि फूलों के परागण के लिए भी जरूरी हैं, जिससे फलों और सब्जियों का उत्पादन होता है।

डॉल्फिन का समाज:

डॉल्फिन जटिल सामाजिक संरचना रखते हैं और एक-दूसरे के साथ संवाद करने के लिए क्लिक और सीटी का उपयोग करते हैं।

बाघों की लुप्तप्राय स्थिति:

भारत में पाए जाने वाली बाघों की नौ उप-प्रजातियों में से तीन अब विलुप्त हो चुकी हैं और बाकी बची छह उप-प्रजातियाँ भी लुप्तप्राय हैं।

वन्यजीव संरक्षण का महत्व:

वन्यजीवों का संरक्षण जैव विविधता बनाए रखने, पारिस्थितिकी को संतुलित रखने और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।