फिल्म: पटना शुक्ला
कलाकार: रवीना टंडन, अनुष्का कौशिक, दिवंगत सतीश कौशिक, मानव विज, चंदन रॉय सान्याल और जतिन गोस्वामी
निर्देशक: विवेक बुडाकोटी
निर्माता: अरबाज खान प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड
ओटीटी प्लेटफॉर्म: डिज्नी+हॉटस्टार
‘पटना शुक्ला’…बच्चा जब परीक्षा में पास होने के लिए दिन रात एक कर दे, बहुत मेहनत करे, मुश्किल से कॉलेज की फीस भरकर एग्जाम दे और फिर कॉलेज वाले उसके नंबर किसी अन्य स्टूडेंट को देकर उसे फेल कर दें तो…डिज्नी प्लस हॉटस्टार की कोर्ट रूम ड्रामा फिल्म इसी तो का जवाब लेकर आई है। अरबाज खान के प्रोडक्शन में बनी यह फिल्म रोल नंबर की अदला बदली और नंबरों की धांधलेबाजी पर आधारित है। इस फिल्म में रवीना टंडन, अनुष्का कौशिक, मानव विज, चंदन रॉय सान्याल और दिवंगत अभिनेता सतीश कौशिक हैं। आइए जानते हैं कि ओटीटी पर आई इस नई फिल्म का रिव्यू।
कुछ ऐसी है फिल्म की कहानी
तन्वी शुक्ला (रवीना टंडन) अपने पति (मानव विज) के साथ सीधी-साधी जिंदगी में खुश रहती है। वह कोर्ट में छोटे-मोटे केस लड़ती है और उसका पति सरकारी नौकरी करता है। लेकिन, तन्वी शुक्ला (रवीना टंडन) की जिंदगी में बदलाव तब आता है जब उसके पास रिंकी कुमारी (अनुष्का कौशिक) का केस आता है। तन्वी, रिंकी का केस हाथ में ले तो लेती है। किंतु कोर्ट के अंदर तन्वी को दिग्गज वकील (चंदन रॉय सान्याल) और बाहर नेता (जतिन गोस्वामी) से भिड़ना पड़ता है। इस लड़ाई में जज (दिवंगत सतीश कौशिक) और तन्वी का पति (मानव विज) उसका पूरा साथ देते हैं, हालांकि,कहानी में ऐसा ट्विस्ट तब आता है कि तन्वी के लिए इन दोनों का साथ भी कम पड़ जाता है।
कमाल का है क्लाइमैक्स
अरबाज खान के प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म का टॉपिक काफी फ्रेश है। कहानी को भी काफी अच्छी तरह से बुना गया है। क्लाइमैक्स भी अच्छा है। इसके साथ ही विवेक बुडाकोटी का निर्देशन भी सही है।
यहां खा गई मात
दो घंटे पांच मिनट की इस फिल्म में रोल नंबर की हेराफेरी और परीक्षा के रिजल्ट में हुई धांधली पर बात की गई है। किंतु इस धांधलेबाजी को फिल्म में बेहद ही सरलता के साथ दिखा दिया गया है। फिल्म में न कोई इंटेंस कोर्ट रूम ड्रामा दिखाया गया है और न ही कोई थ्रिल है।
अनुष्का और सतीश कौशिक
रिंकी कुमारी का किरदार निभाने वालीं एक्ट्रेस अनुष्का कौशिक की ये पहली बड़ी फिल्म है। इस लिहाज से अनुष्का ने काफी अच्छा काम किया है। उन्होंने पूरी फिल्म के दौरान स्थानीय भाषा को पकड़कर रखा, कहीं भी अपने किरदार को छूटने नहीं दिया। वहीं दिवंगत अभिनेता सतीश कौशिक ने हमेशा की तरह अपनी आखिरी फिल्म में भी जादू बिखेर दिया।
रवीना टंडन और चंदन रॉय सान्याल
पटना में बहुत बड़ा रोल नंबर स्कैम होता है। तन्वी शुक्ला (रवीना टंडन) इस केस में अपना पूरा जी-जान लगा देती हैं। ऐसे में पटना के लोग उन्हें पटना शुक्ला कहकर बुलाते हैं। किंतु पटना में पली बढ़ी पटना शुक्ला उर्फ तन्वी शुक्ला की भाषा पर पकड़ काफी कमजोर दिखती है। रवीना ने एक्टिंग में तो काफी अच्छा काम किया है, लेकिन भाषा पर ध्यान देना भूल गई हैं। वहीं कोर्ट में तन्वी को टक्कर देने वाले वकील (चंदन रॉय सान्याल) भी काफी कमजोर लगे। फिल्म में बार-बार इस बात पर जोर दिया जाता है कि तन्वी के खिलाफ केस लड़ने वाले वकील काफी बड़े वकील हैं। किंतु उनके किसी भी एक्शन से ऐसा लगा नहीं।
देखें या नहीं?
यदि आप ओटीटी कुछ फ्रेश देखना चाहते हैं तो इस फिल्म को देख सकते हैं। हालांकि, अगर आप इंटेंस कोर्ट रूम ड्रामा देखना चाहते हैं तो ये फिल्म आपके लिए नहीं है।